नई दिल्ली
नाबालिग लड़की से अश्लील बातें करने और छूने के आरोप में 50 वर्षीय शख्स को तीन साल की सजा सुनाई गई है। मामला मुंबई का है। POCSO यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज एक्ट कोर्ट ने आरोपी की तरफ से कही गई बातों को लेकर कहा कि ये सब कहना दिखाता है कि आरोपी ने यौन हिंसा के इरादे से ही यह काम किया है। मामला साल 2016 का है। कोर्ट ने कहा, ‘तुम बहुत सेक्सी हो, मुझे ऐसा लगता है कि तुम्हें ले जाऊं’, जैसे शब्द कहना ही अपने आप में दिखाता है कि आरोपी ने यौन अपराध करने के इरादे से ही ये काम किया था। रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग ने कोर्ट को बताया था कि वह अपने नाना और मामा के साथ शहर में रहती है। उसने बताया था कि FIR दर्ज होने के एक महीने जब वह ट्यूशन जाती थी, तो आरोपी उसका पीछा करता था।
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी उसे गलत तरीके से छूता था और गालों पर किस करता था। नाबालिग ने इस बारे में नानी को भी सूचित किया, लेकिन आरोपी का परिवार करीबी होने के चलते उन्होंने बात पर भरोसा नहीं किया। इसके बाद नाबालिग ने यह बात अपने मामा को बताई। उसका कहना है कि मामा ने आरोपी से बात की, लेकिन इसके बाद भी उसके बर्ताव में कोई अंतर नहीं था। रिपोर्ट के मुताबिक, वह कहता था कि वह बहुत हॉट लगती है, बहुत सेक्सी है और उसे उठा कर ले जाएगा। नाबालिग ने बताया कि 24 मई 2016 को शाम करीब 7.39 पर वह अपने दोस्त के साथ घर के पास खड़ी हुई थी। तब आरोपी आया और उसे पीछे से छुआ और कहा कि वह गालों पर किस करना चाहता है। इसके बाद पीड़िता ने एक बार फिर मामा को इस बारे में सूचित किया।
नौबत यहां तक आ गई कि नाबालिग ने डर की वजह से स्कूल जाना बंद कर दिया और 30 मई 2016 को मामा के साथ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करा दी। नाबालिग को कोर्ट ले जाया गया, जहां उसका बयान दर्ज हुआ। उसने पुलिस को घटनास्थल भी बताया। खास बात है कि मामले में आरोपी गिरफ्तार भी हुआ, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी।
आरोपी ने अपने बचाव में कहा था कि नल के पानी को लेकर विवाद चल रहा है, जिसके चलते इस मामले में उसे झूठा फंसाया गया है। जज का कहना था कि आरोपी ने ऐसा कोई भी सबूत पेश नहीं किया, जो यह दिखाता हो कि पीड़िता और उसके परिवार में कोई विवाद चल रहा हो। कोर्ट का कहना था कि ऐसा कोई भी कारण नजर नहीं रहा, जिसके चलते पीड़िता आरोपी के खिलाफ झूठा केस करेगी।